भाव निर्णय, दशा एवं गोचर द्वारा समय निर्धारण
सटीक भविष्य कथन के लिए ग्रहो के बलाबल, स्थिति, पारम्परिक संबंध, स्वाभाविक एवं स्थानिक प्रभावों के कारण फल में परिवर्तन आदि अनेक महत्वपूर्ण विन्दुओ पर उदाहरण देकर इस पुस्तक में प्रकाश डाला गया है साथ ही वृहत पाराशर, जातक पारिजात, सारावली, फलदीपिका आदि ग्रंथो का सार एवं उनका प्रयोग लेखक ने अपने अनुभव के आधार पर वर्णन किया है l इससे ग्रहो के फल एवं उनके घटित होने का समय ज्ञात करने में भी सरलता हो जायेगी l
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