Yoga Mimamsa
परमादरणीय डॉ. के. एस. चरक जी की मानक पुस्तकों के हिन्दी रूपान्तर की श्रृंखला में उनकी अन्य उत्तम पुस्तक “Yogas in Astrology” का हिन्दी रूपान्तर आपके समक्ष प्रस्तुत करते हुए मैं अत्यन्त हर्षित हूं। ज्योतिष के उत्थान के प्रति डॉ. चरक जी की प्रतिबद्धता एवं समर्पण की भावना के लिए सभी हिन्दी भाषी ज्योतिष प्रेमी तथा विद्यार्थीगण सदैव उनके आभारी रहेंगे। ज्योतिष विषय का अध्ययन करने वाले छात्र प्रायः मुझसे फलित विषय पर किसी विशिष्ट पुस्तक की जानकारी चाहते तो मैं उन्हें डॉ. चरक जी की इसी पुस्तक “Yogas in Astrology” के विषय में बताया करता था जिससे अंग्रेजी भाषा का अधिक ज्ञान न रखने वाले विद्यार्थियों को निराश होना पड़ता था। इस पुस्तक में क्रमबद्ध विधि से दो ग्रहों की युति से प्रारम्भ कर सभी ग्रहों की युति के परिणाम बताए गए हैं तथा ज्योतिष के सभी महत्त्वपूर्ण योगों
को उनकी महत्ता के अनुसार स्थान देते हुए इस प्रकार सोदाहरण व्याख्या की गई है कि योग के परिणामों के साथ-साथ फलित करने की विधि भी स्पष्ट हो जाती है। एक ही योग का विभिन्न भावों में अथवा विभिन्न भावेशों द्वारा निर्माण और उनका तुलनात्मक अध्ययन फलित कहने की सूक्ष्मताओं को उजागर कर देता है। अपने परिवार के पूर्ण सहयोग से ही मैं यह कार्य कर सका। भारतीय स्टेट बैंक में मेरे सहकर्मी मित्र श्री महेन्द्र कुमार खन्ना एम.ए. (हिन्दी तथा संस्कृत) का भी मैं आभारी हूं जिन्होंने यह अनुवाद आप तक पहुंचाने में अपना पूर्ण सहयोग दिया। ईश्वर के समक्ष नतमस्तक होते हुए अपने गुरुजनों, मित्रों व शुभचिन्तकों का भी मैं आभार प्रकट करता हूं। अन्त में सुधी पाठकों से अनुरोध है कि असावधानीवश हुई त्रुटियों की जानकारी देने की कृपा करें जिससे आगामी संस्करण में उनका निराकरण किया जा सके।
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