सफल, सुखद जीवन के लिए व्यवसाय का क्या महत्त्व है, यह सर्वविदित है। नियति ने हरएक व्यक्ति के लिए कुछ निर्धारित करके संसार रूपी कर्मभूमि में अवतरित किया है जिसे प्रकाश में लाने के लिए ज्योतिष विद्या के रूप में साधन भी प्रदान किया है। ज्योतिष जीवन के हर क्षेत्र की भाँति व्यवसाय-चयन में भी मार्गदर्शन करने में पूर्ण सक्षम है। अनजान पथ पर यदि मार्गदर्शक उपलब्ध हो तो राह पूछ कर आगे जाने में ही बुद्धिमत्ता है। इस प्रयास के पीछे मेरा एकमात्र उद्देश्य यही है कि ज्योतिष के माध्यम से सर्वजनों को उनके व्यवसाय चयन के बारे में उचित, अनुकूल दिशा-निर्देश प्राप्त हो सकें। जन्म, कर्म, नियति के चक्र के फलस्वरूप हर बालक अपने जन्म-समय की ग्रह-स्थिति के अनुसार कुछ विशेष गुण, अवगुण, मनोवृत्तियाँ, रुचियाँ, विशेषतायें, योग्यतायें लेकर संसार रूपी कर्मभूमि पर अवतरित होता है।
यह सारे विशेष गुण-अवगुण, मनोवृत्तियाँ रुचियाँ, विशेषतायें, योग्यतायें मानव की अपनी पहचान होतीं है तथा सारे जीवन उसके कार्यों, कार्यक्रमों, जीवन-शैली को संचालित करतीं है। उन्हीं रुचियों, इच्छाओं महत्त्वाकांक्षाओं के आधार पर अभिभावक सन्तान के भविष्य की योजनाय बनाने लगते हैं।
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