Saravali
भगवान् सूर्य के उदित होने पर समस्त संसार के प्राणी जाग जाते हैं, आकाश मध्य तक पहुंचने की अवधिपर्यन्त सभी जीव अपनी स्वाभाविक क्रियाओं में लग जाते हैं तथा अस्त हो जाने पर सब लोग सो जाते हैं; ऐसे प्रकट. व प्रत्यक्ष प्रभाव वाले, भगवान् सूर्य की जय हो । अर्थात् जिस सूर्यदेव के उच्छ्वास मात्र से ही सारा जड़चेतन जीवमण्डल निर्मित हुआ है, वह जगत् सूर्य के उदयास्त के साथ ही अपने कर्मों में प्रवृत्त व निवृत्त होता है, वह भगवान् सूर्य सारे ग्रहों में मुख्य होने से प्रत्यक्ष नारायण रूप, समस्त संसार का पालक, जनक व संहर्ता है, वह सर्वोत्कृष्ट है। अतः उसकी जय हो। हम उसे बारम्बार नमस्कार करते हैं।
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