Mantra Shakti
मनुष्य अक्षय शक्तियों का भंडार है, किन्तु उसकी शक्तियाँ बाहरी प्रपंचों के कारण निर्बल, क्रियाहीन तथा चेतनाशून्य बनी हुई हैं। उन्हें क्रमशः जगाकर सत्कर्म में प्रेरित करने का मुख्य साधन मन्त्र के अतिरिक्त और कोई नहीं है।
मन्त्र शक्ति की जिज्ञासा, कार्य-सिद्धि के लिए उसकी उपयोगिता, उपासना के प्रकार तथा वास्तविक तथ्य इन सबको सूक्ष्मता से समझने की मानवीय प्रवृत्ति इसी का परिणाम है। गत कुछ वर्षों में इस विषय से सम्बन्धित जो प्रकाशन हुए हैं उन पर गम्भीरता से विचार करने पर ऐसा ज्ञात होता है कि कुछ ऐसी बातें छूट गई हैं अथवा छोड़ दी गई हैं कि जिनके बिना उपासना क़ा मार्ग प्रशस्त नहीं हो पाता।
इस दृष्टि को प्रधानता देते हुए हमने ‘मन्त्र-शक्ति’ नामक इस पुस्तक में मन्त्र शास्त्र के सभी छोटे-बड़े अंगों का व्यवस्थित परिचय और प्रयोग दो भागों में प्रस्तुत किया है जिससे क्रमशः सरलतापूर्वक मन्त्र-शक्ति प्राप्त करने के लिए कुछ क्रियाओं की आवश्यकता, उनकी वैज्ञानिकता, उनके प्रकार एवं अन्यान्य बातें समझाई गई हैं।
इस प्रकार सभी दृष्टि से उपयोगी बनाने का पूरा ध्यान रखकर आज के व्यस्त जीवन में कुछ समय शान्तिपूर्वक ईश्वर-स्मरण करने की अभिरुचि वाले व्यक्तियों के लिए यह रचना उपयोगी सिद्ध होगी, ऐसी हमारी धारणा है।
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