हस्त रेखा शास्त्र पर लिखी गई यह एक उच्च कोटि की पुस्तक है। अनंत काल से हस्त रेखा शास्त्र, भविष्य ‘फलित के लिए बहुत लोकप्रिय , अद्वितीय एवं सटीक विषय रहा है। जिन जातकों के पास जन्म कुंडली नहीं होती है, उनके लिए भविष्य कथन करना इस महान विद्या द्वारा अति सुगम रहता है।
इस विषय के सभी पहलुओं को इस पुस्तक में सरल भाषा में 38 अध्यायों एवं 422 चित्रों द्वारा वर्णित किया गया है। यह पुस्तक दो भागों में है। प्रथम भाग में हाथ की बनावट व आकार के बारे में विस्तार से समझाया गया है, तथा द्वितीय भाग में हाथ की रेखाओं के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है। अंत में हस्त परीक्षण के नियम भी दिये गए हैं। विद्यार्थियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पुस्तक में अति सरल भाषा का प्रयोग किया गया है।






























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