Tajik Neelkanthi
ताजिक नीलकंठी मूलतः यवन ज्योतिष पर आधारित रचना है जिसमें वर्ष कुण्डली के आधार पर जन्म के पश्चात् के वर्षों के शुभाशुभ फल की व प्रश्न कुण्डली द्वारा आगामी शुभाशुभ की सटीक भविष्यवाणी की जाती है। इसमें आचार्य नीलकंठ ने यवन पद्धति का वैदिक ज्योतिष- सिद्धान्तों के साथ समन्वय करके जहाँ एक ओर वैदिक ज्योतिष को एक नया आयाम दिया है वहीं दूसरी ओर दो संस्कृतियों के संगम का पुनीत कार्य भी किया है। जहाँ जन्म कुण्डली के द्वारा जातक के समग्र जीवन की रूप रेखा प्रस्तुत की जाती है वहीं किसी भी वर्ष की वर्ष कुण्डली द्वारा उस वर्ष की सीमित अवधि में आने वाले शुभाशुभ फल का विस्तार पूर्वक सूक्ष्म विवेचन किया जाता है।
यवन ज्योतिष की तीन महत्वपूर्ण देन हैं-
1. सहम का सिद्धान्त,
2. वार्षिक दशा-पद्धति के अन्तर्गत बनने वाले योग तथा
3. प्रश्न कुण्डली द्वारा शुभाशुभ भविष्य कथन।
इनके द्वारा की गई भविष्यवाणियाँ व्यावहारिक व अत्यन्त सटीक सिद्ध हुई हैं। अतः ताजिक नीलकंठी पूर्णतः प्रामाणिक है। यह एक मौलिक ग्रंथ है। प्रस्तुत रचना में विद्धान् लेखक ने संस्कृत श्लोकों की व्याख्या के साथ-साथ सम्यक् उदाहरणों द्वारा आचार्य नीलकण्ठ के सिद्धान्तों की पुष्टि की है। आशा है यह रचना ज्योतिष शास्त्र के विद्वानों और छात्रों के लिए समान रूप से उपयोगी सिद्ध होगी।
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