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Yoga Mimamsa by Dr K S Charak [UP]

Description
पुस्तक कं विषय में योग मीमांसा में पाराशरी सिद्धान्तो पर आधारित अनेक ज्यनैतिषीय यंनिगें का विश्लेषण एवं व्याख्या प्रस्तुत की गई है । यह बिइलेषऱग की विधि ज्योतिष के सर्वमान्य नियमों पर आधारित है जिनकी इस महत्त्वपूर्ण विषय के अध्ययन के लय प्राय उपेक्षा कर दी जाती है । वे माय जिनमें योग बन रहे है योग में सम्मिलित राशियां, योग बनाने वाले ग्रहो पर अन्य ग्रहों का प्रभाव योत्रा बनाने वाले आते का बलाबल, बर्गकूण्डलियो से उनकी स्थिति तथा जन्मवदुण्डली में चल रही विंशोतरी दशा आदि सभी घटकों की भूतिया को उदाहरण सहित समझाया गया है । गजकंसरी योग जो एक महत्त्वपूर्ण योग है उस पर घूरा एक अध्याय है जिसमें इस योग के माध्यम से अन्य समी योगों के विश्लेषण की विधि तथा उन कारक को विस्तार के बताया गया है जी किसी योग को उन्नत बनाते है अथवा उसकं परिणामी से बाधा पहुंचाते है । पंच महापुरुष योग, रबि व चन्द्र योरा तथा अनेक धनयोगों, राजयोगंग्रे और अरिष्ट गोभी का विस्तृत वर्णन जिया गया है । सामान्यत: उपेक्षित नामस योगों को विशेष प्रकार से वर्गीकृत करकं जन्मकुण्डली के विश्लेषण में उनका महत्त्व समझाया गया है । सन्यास गोभी पर एक घूरा अध्याय है ।