
Vedic Jyotish Ka Maulik Tatva (Part 1&2 ) (Hindi) By Dr K. S. Charak [UP]

Description
पुस्तक के विषय में
'वैदिक ज्योतिष के मौलिक तत्त्व वैदिक ज्योतिष की पराशरी पद्धति पर आधारित एक उत्कृष्ट एवं समग्र प्रयास है।
• यहां ज्योतिष विषय को क्रमबद्ध तथा वैज्ञानिक विधि से प्रस्तुत किया गया है।
• वैदिक ज्योतिष के आधारभूत प्रारम्भिक खगोलीय ज्ञान को सुरुचिपूर्ण ढंग से समझाने का प्रयास किया गया है।
• शुद्ध जन्मपत्री बनाने तथा दशाओं की गणना के लिए आवश्यक ज्योतिष के गणित पक्ष को भी विस्तार से समझाया गया है।
• विंशोत्तरी तथा योगिनी दो महत्त्वपूर्ण दशाओं का वर्णन करते हुए दशा का विशेष रूप से विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है। विंशोत्तरी • शोधपरक विषय जैसे वर्ग कुण्डलियाँ. उपग्रह तथा ग्रह अवस्था आदि क्षेत्रों का
भी यहां समावेश किया गया है।
• एक विशेष अध्याय में पौराणिक पाठ्य प्रणाली को उद्धृत किया गया है। सफल ज्योतिष भविष्यवाणियों के आधारभूत समस्त महत्त्वपूर्ण योगों को तीन अध्याय समर्पित किए गए हैं तथा नाभस योगों को नवीन प्रवर्तन के साथ
क्रमबद्ध विधि से प्रस्तुत किया गया है।
• विभिन्न भावों तथा राशियों में सभी ग्रहों की स्थितियों के परिणाम व्यापक रूप से दिए गए हैं।
अनेक विषय जैसे ग्रह बल, बालारिष्ट, अरिष्टभंग, आयुर्गणना, चिकित्सा ज्योतिष, प्रश्न शास्त्र, वर्षफल (ताजिक) ग्रह गोचर, सुदर्शन चक्र, अष्टकवर्ग, मुहूर्त तथा विवाह के लिए कुण्डली मिलान आदि स्पष्ट रूप से वर्णित हैं। पुस्तक को उद्धृत कुण्डलियों के साथ मण्डित किया गया है।